वॅकेशन पर

प्यारे दोस्तो,

मई 3, 2009 से आज तक आप की सेवामें कविता, संगीत और अन्य कला-कृति परोस कर, आपके जीवनमें आनंद और ज्ञान का प्रकाश लाने का प्रयत्न कर रहा हूं. कुछ दिनके लिये वॅकेशन पर जा रहा हूं…..इन्टरनेट से दूर.

कुछे दिनों के बाद नयी सामग्री ले कर आउंगा. आशा है, इस दौरान आप मेरे हिन्दी/अंग्रेजी ब्लोग/वेबसाईट पर तशरीफ लाते रहोगे.

आप के सहकार के लिये शुक्रिया.

घनश्याम ठक्कर.

से ज्यादा (मुक्तक-गझल) – घनश्याम ठक्कर

से ज्यादा

मुक्तक-गझल

घनश्याम ठक्कर

 

Ghanshyam Thakkar

मरूध्यान ना बने (मुक्तक) – घनश्याम ठक्कर

मरूध्यान ना बने

 

 

मुक्तक

 

घनश्याम ठक्कर