स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं – घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)

Tiranga

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं  

घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)

Happy Independence Day India – Oasis Thacker

भारत का राष्ट्रगीत

ऑर्केस्ट्रा प्रबन्धक और वादक

 घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)

वॅकेशन पर

प्यारे दोस्तो,

मई 3, 2009 से आज तक आप की सेवामें कविता, संगीत और अन्य कला-कृति परोस कर, आपके जीवनमें आनंद और ज्ञान का प्रकाश लाने का प्रयत्न कर रहा हूं. कुछ दिनके लिये वॅकेशन पर जा रहा हूं…..इन्टरनेट से दूर.

कुछे दिनों के बाद नयी सामग्री ले कर आउंगा. आशा है, इस दौरान आप मेरे हिन्दी/अंग्रेजी ब्लोग/वेबसाईट पर तशरीफ लाते रहोगे.

आप के सहकार के लिये शुक्रिया.

घनश्याम ठक्कर.

वैरागी (अछांदस) – घनश्याम ठक्कर

वैरागी

अछांदस

घनश्याम ठक्कर

 

‘वैरागी’ काव्य के संदर्भमें गुजरात के महान कवि, समीक्षक और साहित्य-प्राज्ञ श्री लाभशंकर ठाकर की समीक्षा

ला.ठा. को व्याप्ति, अव्याप्ति और अतिव्याप्ति के दोष के खतरे के बावजुद भी अत्याधिक वृतान्त करनेमें दिलचस्पी है. तो एक कथन फेंक रहा हूं, ” जो वैरागी नहीं, वह कवि नहीं.”

इस निवेदन प्रेरित उकसाहट की असरमें वर्तमान और भूतकाल के कई काव्यग्रंथों को फेंक देने के लिये तत्पर पुस्तकाघ्यक्ष, रूको.

ऐसा करोगे तो  अभ्यासी विद्वानों को अ-काव्य के दृष्टान्त कैसे मिलेंगे?

सौजन्यः

घनश्याम ठक्कर रचित गुजराती काव्यसंग्रह ‘जांबुडी क्षणना प्रश्नपादरे’ (१९९३) की, श्री लाभशंकर ठाकर लिखित प्रस्तावना ‘

गुजराती कवितानो एक ध्यानपात्र अवाज (गुजराती आधुनिक कविता की एक ध्यान देने योग्य आवाझ’).

अनुवादः घनश्याम ठक्कर

चार हाइकु ( अछांदस) – घनश्याम ठक्कर

चार हाइकु

अछांदस

घनश्याम ठक्कर

 

 

 

 

चैतकी रजनी और् चंद्रमा (अछांदस) – घनश्याम ठक्कर

चैतकी रजनी और्  चंद्रमा

अछांदस

घनश्याम ठक्कर